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क्या वसुंधरा राजे होंगी भारत की अगली उपराष्ट्रपति?

Vice President Election India:भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफ़ा देने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चुनाव आयोग ने बुधवार को जानकारी दी कि 9 सितंबर 2025 को मतदान होगा, जबकि चुनाव परिणाम उसी दिन शाम तक घोषित कर दिए जाएंगे।इसी बीच वसुंधरा राजे का नाम संभावित दावेदारों में सबसे अधिक चर्चा में है। आइए जानते हैं उन महत्वपूर्ण कारणों को जो वसुंधरा राजे को उपराष्ट्रपति पद के लिए मजबूत दावेदार बनाते हैं। आइए जानते हैं उन महत्वपूर्ण कारणों को जो वसुंधरा राजे को उपराष्ट्रपति पद के लिए मजबूत दावेदार बनाते हैं।
 
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Vasundhara Raje BJP leader with PM Modi – Speculation on India’s next Vice President election 2025

वसुंधरा राजे क्यों चर्चा में हैं?

राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे का नाम इस पद के लिए मजबूत उम्मीदवारों में माना जा रहा है। उनका लंबे समय का राजनीतिक अनुभव, राजस्थान में मजबूत जनाधार और राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली छवि उन्हें उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में खास बनाती है।

हाल ही में वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाकात की। यह मुलाकात राजनीतिक हलकों में उपराष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखी जा रही है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बैठक का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन पार्टी के भीतर इसे अहम सियासी संकेत माना जा रहा है।

राजनीतिक ताकत और अनुभव

दीर्घकालिक अनुभव: 1984 से सक्रिय राजनीति, दो बार मुख्यमंत्री (2003–2008, 2013–2018), भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष।

जातीय प्रतिनिधित्व: राजपूत परिवार से आने के कारण राजस्थान और उत्तर भारत में उनकी गहरी पकड़ है।

संगठनात्मक मजबूती: भाजपा और RSS के साथ लंबे समय से जुड़े होने का फायदा मिल सकता है।

 

उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनौतियाँ और विरोधाभास

पार्टी नेतृत्व के साथ कुछ मुद्दों पर मतभेद, खासकर हालिया विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद से दूर रहने को लेकर असंतोष।

भाजपा नए चेहरे या युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की रणनीति भी अपना सकती है।

पार्टी के अंदर अन्य नामों, जैसे हरिवंश नारायण सिंह, मनोज सिन्हा और स्वयं वसुंधरा राजे के बीच प्रतिस्पर्धा भी प्रभाव डाल सकती है।

वसुंधरा राजे के पार्टी में प्रमुख संभावित दावेदार

1. हरिवंश नारायण सिंह
वर्तमान में राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हैं और जेडीयू के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। उनका शांत और संतुलित व्यक्तित्व उन्हें मजबूत उम्मीदवार बनाता है।

2. रमेश नाथ ठाकुर
बिहार से आने वाले और पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले रमेश नाथ ठाकुर का नाम भी चर्चा में है। सामाजिक संतुलन को देखते हुए इनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।

3. नीतीश कुमार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार का नाम भी राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। उनका व्यापक प्रशासनिक अनुभव उन्हें दावेदारों की सूची में रखता है।

4. मनोज सिन्हा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रशासनिक दक्षता और संवेदनशील क्षेत्रों में काम करने का अनुभव रखते हैं, जो उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त बना सकता है।

5. मुक़्तार अब्बास नक़वी
भाजपा के वरिष्ठ मुस्लिम चेहरे मुक़्तार अब्बास नक़वी का नाम भी रेस में है। यह नाम NDA की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

6. सुमित्रा महाजन
लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन का लंबा संसदीय अनुभव और सर्वमान्यता उन्हें इस पद के लिए चर्चित नाम बनाता है।

7. वी.के. सक्सेना
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना अपने मजबूत प्रशासनिक रवैये और निर्णायक फैसलों के लिए जाने जाते हैं।

8. मनोज लाल खट्टर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर लाल खट्टर का नाम भी संभावित सूची में जोड़ा गया है। संगठन और प्रशासन में उनका अनुभव उन्हें मजबूत विकल्प बना सकता है।

 

पीएम मोदी से मुलाकात का राजनीतिक महत्व

प्रधानमंत्री मोदी से वसुंधरा राजे की हालिया मुलाकात को राजनीतिक संकेतों के रूप में देखा जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों के साथ जुड़ी हो सकती है, हालांकि भाजपा ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यह मीटिंग राजे की संभावनाओं को और मजबूत बनाती है और उन्हें अन्य दावेदारों से अलग खड़ा करती है।

 


वसुंधरा राजे का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में बना हुआ है। उनका राजनीतिक अनुभव, पार्टी में पकड़ और प्रधानमंत्री मोदी से हालिया मुलाकात उनकी दावेदारी को मजबूती प्रदान करती है। लेकिन अंतिम निर्णय भाजपा और NDA के नेतृत्व के हाथ में है, जो जातीय संतुलन, राजनीतिक समीकरण और आने वाले चुनावों की रणनीति को देखते हुए लिया जाएगा।

जब तक आधिकारिक घोषणा नहीं होती, इस सस्पेंस से राजनीतिक हलचल जारी रहेगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वसुंधरा राजे सच में भारत की अगली उपराष्ट्रपति बन पाती हैं।

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