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बायोमास पैलेट और ब्रिकेट (Biomass Pellet and Brequette) : स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य और ग्रामीण विकास का साधन

बायोमास पैलेट ब्रिकेट (Biomass Pellet and Brequette)  एक कार्बन न्यूट्रल ईंधन है जो एग्री वेस्ट से तैयार होता है आइए जानते हैं इसे कैसे बनाया जाता है इसके फायदे और उपयोग
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biomass pellet and briquette

कैसे बनाए जाते हैं बायोमास पैलेट ब्रिकेट (Biomass Pellet and Brequette)

कितनी होती है क्लोरोफिक वैल्यू (Calorific Value)

कहां कहां उपयोग होता है

बायोमास पैलेट ब्रिकेट (Biomass Pellet and Brequette): आज के समय में ईंधन महंगा होता जा रहा है।  यह भी लिमिटेड नेचुरल रिसोर्स जो कभी ना कभी खत्म हो जाएंगे जैसे पेट्रोल डीजल कोयला और यह प्रदूषण भी बहुत ज्यादा फैलाते हैं इसके लिए एक इनका विकल्प है जो सस्ता है और पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचता है। वह बायोमास पैलेट ब्रिकेट (Biomass Pellet and Brequette) है।


आइए जानते हैं कि क्या होते है  बायोमास पैलेट और ब्रिकेट (Biomass Pellet and Brequette) 

बायोमास पैलेट (Biomass pellet)  ईंधन होता है।  जिसे एग्रीकल्चर वेस्ट जैसे धान की परली सरसों का तूड़ा, लकड़ी का वेस्ट, कपास की लकड़ी , फसल के डंठल, पेड़ की छाल,एग्रीवेस्ट, एनिमल वेस्ट आदि से बनाया जाता है। पैलेट का व्यास  6-8 mm होता है। ब्रिकेट का व्यास 90mm  होता है

कैसे बनाए जाते हैं बायोमास पैलेट ब्रिकेट (Biomass Pellet and Brequette)

हमें सबसे पहले किसानों से कच्चा माल इकट्ठा करना होता है। जैसे धान की परली, सरसों वेस्ट ,लकड़ी, एनिमल वेस्ट।
 फिर इसके सुखाया जाता है ताकि इसकी नमी 10% से कम हो जाए। ताकि इसे अच्छे से बनाया जा सके और ईंधन अच्छे से जले। उसके बाद सूखे हुए मटेरियल की shredding machine से छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है।उसके बाद कनवेयर बेल्ट से कच्चे माल को मशीन तक पहुंचाया जाता है। जहां मशीन हाय प्रेशर देकर मटेरियल को पैलेट या ब्रिकेट में बदल देते है। उसके बाद तैयार माल को ठंडा होने के लिए छोड़ देते है जिसके बाद इसकी पैकिंग की जाती है या डायरेक्ट ट्रक में लोड किया जाता है।

 

क्लोरोफिक वैल्यू (Calorific Value)
क्लोरोफिक वैल्यू डिपेंड करती है कौनसा रॉ मटेरियल कितना मिलाया है। वैसे इसकी क्लोरोफिक वैल्यू 3400 से 4500 तक हो सकती है। कोयल की क्लोरोफिक वैल्यू 4500-6000 तक होती है। इस हिसाब से पहले कोयल जितनी ऊर्जा दे सकता है और प्रदूषण भी कम करता है

 

कहां उपयोग होता है
जिस भी इंडस्ट्री में बॉयलर लगा होता है जैसे कपड़ा, केमिकल ,कागज , दूध, फार्मा  जैसे इंड्यूटरीज में इसका उपयोग होता है।
थर्मल प्लांट में भी इसका उपयोग होता है। गवर्नमेंट ने थर्मल प्लांट में 5% बायोमास मैंडेटरी कर दिया  है। इसको लड़की की जगह भी उपयोग कर सकते है।


बायोमास पैलेट के फायदे

यह कार्बन न्यूट्रल है क्योंकि इसके जलने से जो भी CO2 निकलती है वह पौधों द्वारा फिर से अवशोषित की जा सकती है।सस्ती लगात भी इसका एक फायदा है क्योंकि यह कोयले डीजल से सस्ता पड़ता है। किसानों के लिए भी एक इनकम का सोर्स है । साथ में उनको एग्रीवेस्ट को जलाना भी नहीं पड़ता है। कोयले के मुकाबले जलने के बाद इसकी रख भी कम बनती है। गांव में उद्योग लगा कर गांव के लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।

नुकसान और चुनौतियां 

इस प्लांट को लगाने में अच्छी खासी रकम लगती है। प्लांट लगाने के लिए जगह भी बहुत लगती है क्योंकि रॉ मटेरियल स्टोर करना पड़ता है। बारिश के मौसम में पैलेट और कच्चा माल नमी पकड़ लेता है जिसे फिर से सूखाना पड़ेगा। ट्रांसपोर्ट लागत भी ज्यादा आती है क्योंकि यह जगह ज्यादा लेता है।

निष्कर्ष

पारंपरिक ईंधन के मुकाबले एक अच्छा विकल्प है। और इससे प्रदूषण भी कम कर सकते हैं जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होगा।  युवाओं के रोजगार के लिए एक अच्छा मौका है।  किसान की भी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए एक अच्छी चीज है।

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