home page

Business Success Story: विदेश की नौकरी छोड़ी, ₹90,000 से शुरू किया कारोबार—आज सब हैरान!

Small Investment Big Success: चेन्नई के एक युवा उद्यमी ने अमेरिका की नौकरी छोड़कर केवल ₹90,000 से स्टार्टअप शुरू किया। जानिए कैसे सीमित पूंजी से उन्होंने सफलता हासिल की और युवाओं के लिए प्रेरणा बने।
 | 
Business Success Story: सिर्फ 90,000 रुपये में स्टार्टअप… कैसे बदल गई जिंदगी?

खबरदार India: आज के तेजी से बढ़ते स्टार्टअप युग में जोखिम लेना और खुद का व्यवसाय शुरू करना कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है। इसी कड़ी में चेन्नई के युवा उद्यमी विवेक थिरुवेंगदम की कहानी हाल ही में सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रही, जिन्होंने अमेरिका से लौटकर केवल ₹90,000 की छोटी पूंजी से अपना स्टार्टअप शुरू किया। उनकी कहानी ने न केवल उद्यमिता की भावना को जागृत किया है, बल्कि जोखिम लेने और सपने पूरे करने की अहमियत को भी रेखांकित किया है।

अमेरिकी जीवन छोड़ भारत लौटे विवेक थिरुवेंगदम

यह कहानी विवेक की है, जिन्होंने अमेरिका में 14 साल तक काम करने और अनुभव हासिल करने के बाद भारत लौटने का साहस दिखाया। सीमित बैंक बैलेंस और परिवार के साथ वे चेन्नई पहुंचे—उनके पास कोई ऑफिस, निवेशक या बड़ी कंपनी का ऑफर नहीं था, बल्कि केवल एक लैपटॉप, इंटरनेट कनेक्शन और अपने उद्देश्य पर विश्वास था।

सीमित संसाधनों के साथ शुरुआत: एक साहसिक कदम

विवेक थिरुवेंगदम ने चेन्नई में QubitFit (क्यूबिट फिट / Qubit Fitness) नामक स्टार्टअप की शुरुआत की। उनका बिजनेस खास तौर पर वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए सस्टेनेबल फिटनेस और न्यूट्रिशन कोचिंग पर केंद्रित है।
शुरुआती दौर में उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी सेवा दी, और खुद की टीम बनाकर डायबिटीज, पीसीओएस, हाइपरटेंशन, मोटापा जैसी समस्याओं के लिये पर्सनल कोचिंग देना शुरू किया। उनका फोकस सिर्फ वेट लॉस या फिटनेस नहीं, बल्कि जीवनशैली सुधार और दीर्घकालिक सेहत पर था।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई प्रेरणादायक कहानी

उनकी कहानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, ट्विटर और Facebook पर वायरल हुई। युवाओं ने उनके साहस की प्रशंसा की और जोखिम लेने की हिम्मत का जश्न मनाया। अनेक स्टार्टअप्स और उद्यमी समुदाय ने इस कहानी को शेयर करते हुए, व्यवहारिक सलाह और मार्गदर्शन भी दिया। युवाओं के बीच ‘दूसरा विकल्प’ यानी देश लौट कर स्टार्टअप करने की सोच और जागरूकता तेजी से बढ़ी।

जोखिम उठाने और स्टार्टअप कल्चर की अहमियत

आज स्टार्टअप के क्षेत्र में जोखिम लेना आम हो गया है, लेकिन सभी के पास जोखिम का वह हौसला नहीं होता जो इस उद्यमी में दिखाई दिया। भारत में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, वित्तीय बाधाएं, बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद वे पीछे नहीं हटे। यह कहानी बता रही है कि जोखिम के बिना बड़ी सफलता संभव नहीं, और छोटी शुरुआत भी बड़े सपनों को सच कर सकती है।

उद्यमिता में देश लौटने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही

भारत में विदेशी पढ़ाई या नौकरी के बाद वापस लौट कर अपना व्यवसाय शुरू करने वाले युवा उद्यमियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह बदलाव भारत की आर्थिक संभावनाओं और विकास की दिशा में अच्छा संकेत है। विदेशी अनुभव के साथ, भारतीय बाजार की समझ युवाओं को मंथन करके नए तरीके अपनाने में मदद कर रही है। चेन्नई का यह उद्यमी इन्हीं ट्रेंड का प्रतीक बन गया है।

स्टार्टअप शुरू करने के टिप्स: इस कहानी से सीखें

  • संसाधनों का बेहतर प्रबंधन: सीमित पूंजी को सोच-समझकर लगाएं, अनावश्यक खर्च से बचें।

  • मार्केट रिसर्च: अपने उत्पाद या सेवा की बाजार में आवश्यकता का गहराई से विश्लेषण करें।

  • नेटवर्किंग: सोशल मीडिया और प्रोफेशनल प्लेटफॉर्म्स पर अपने नेटवर्क का निर्माण रखें।

  • धैर्य और समर्पण: शुरुआती असफलताओं से न घबराएं, लगातार मेहनत और सीख के साथ आगे बढ़ें।

  • नवाचार: बाजार में कुछ नया और उपयोगी लेकर आएं जो ग्राहकों की समस्या का हल हो।

छोटे पैसों से बड़े सपने साकार करने की मिसाल

चेन्नई के इस युवा उद्यमी की कहानी निवेश की बड़ी राशि के बिना भी एक सफल स्टार्टअप की शुरुआत संभव है, इस बात का जीवंत उदाहरण है। यह न केवल युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है, बल्कि पूरे देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी एक नई दिशा दे रहा है। जोखिम उठाने से डरें नहीं, जज्बा और स्मार्ट कामयाबी की कुंजी हैं।

भारत में स्टार्टअप कल्चर तेजी से बदल रहा है, और इस तरह की कहानियां युवा सोच को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही हैं। ऐसे उद्यमी उदाहरण स्थापित करते हैं कि मेहनत, सही योजना और धैर्य से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है और सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है।

Latest News

Trending

You May Like