विक्रम सोलर IPO: मार्केट में रोशनी फैलाने को तैयार, IPO से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति पर एक नजर
Vikram Solar IPO:भारत की सोलर दिग्गज विक्रम सोलर 19–21 अगस्त 2025 के बीच अपना IPO ला रही है, प्राइस बैंड ₹315–₹332 तय हुआ है। जुटाई गई राशि से कंपनी अपनी सोलर विनिर्माण क्षमता दोगुनी करने की योजना बना रही है। आइए जानते हैं कंपनी और इसकी वित्तीय स्थिति के बारे में विस्तार से
Aug 17, 2025, 14:10 IST
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शेयर बाजार खबर - Khabardar India: भारत की प्रमुख सोलर पैनल निर्माता कंपनी विक्रम सोलर अपना IPO (Initial Public Offering) लेकर आ रही है। यह IPO न सिर्फ निवेशकों के लिए एक बड़ा मौका है, बल्कि यह भारत के हरित ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते रुझान को भी दर्शाता है। आइए, इस कंपनी के IPO, इसके इतिहास, वित्तीय स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को विस्तार से समझते हैं।
विक्रम सोलर IPO: लॉन्च की तारीख और विवरण
विक्रम सोलर का IPO 19 अगस्त 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 21 अगस्त 2025 को बंद होगा। कंपनी ने प्रति शेयर ₹315 से ₹332 का प्राइस बैंड तय किया है। निवेशकों को कम से कम 45 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी, जिसके लिए न्यूनतम निवेश ₹14,175 होगा।
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कुल इश्यू साइज: ₹2,079.37 करोड़
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फ्रेश इश्यू: ₹1,500 करोड़ (यह पैसा सीधे कंपनी के पास जाएगा)
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ऑफर फॉर सेल (OFS): ₹579.37 करोड़ (यह पैसा मौजूदा शेयरधारकों को मिलेगा)
कंपनी का लक्ष्य इस IPO से जुटाई गई राशि का उपयोग अपनी विनिर्माण (manufacturing) क्षमता को बढ़ाने के लिए करना है। शेयरों की लिस्टिंग 26 अगस्त 2025 को BSE और NSE पर होने की उम्मीद है।
कंपनी का इतिहास: हरित ऊर्जा की ओर एक लंबा सफर
विक्रम सोलर लिमिटेड की स्थापना 2005 में हुई थी। यह एक भारतीय कंपनी है जिसने खुद को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। कंपनी मुख्य रूप से उच्च-दक्षता वाले सोलर फोटोवोल्टेइक (PV) मॉड्यूल बनाती है, जिनका उपयोग भारत और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में होता है।
पिछले कुछ सालों में, कंपनी ने अपनी विनिर्माण क्षमता में जबरदस्त वृद्धि की है। आज, इसकी कुल ऑपरेशनल क्षमता 4.5 गीगावाट (GW) से अधिक है, जो इसे भारत के सबसे बड़े सोलर मॉड्यूल निर्माताओं में से एक बनाती है। कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में स्थित हैं। इसके अलावा, कंपनी EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) समाधान भी प्रदान करती है।
वित्तीय स्थिति: मजबूत प्रदर्शन और भविष्य की योजनाएं
वित्तीय वर्ष 2025 में, विक्रम सोलर का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है। कंपनी का राजस्व (revenue) और लाभ (profit) दोनों ही पिछले वर्ष की तुलना में बढ़े हैं।
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राजस्व: कंपनी ने FY25 में कुल ₹3,459 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 36% से अधिक की वृद्धि है।
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लाभ: शुद्ध लाभ (net profit) में 75% से अधिक की वृद्धि हुई है।
कंपनी IPO से मिलने वाले फंड का एक बड़ा हिस्सा अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने में निवेश करने की योजना बना रही है। इसका लक्ष्य तमिलनाडु में 3 GW की सोलर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा स्थापित करना और अपनी मौजूदा 3 GW क्षमता को बढ़ाकर 6 GW करना है। यह निवेश कंपनी की भविष्य की विकास योजनाओं को दर्शाता है और भारत के बढ़ते सौर ऊर्जा बाजार का लाभ उठाने की इसकी महत्वाकांक्षा को दिखाता है।
विक्रम सोलर का भविष्य: एक उज्ज्वल संभावना
भारत सरकार के हरित ऊर्जा लक्ष्यों और प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना जैसी पहलों के कारण सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारी वृद्धि देखी जा रही है। भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है, जिसमें सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। विक्रम सोलर जैसे घरेलू निर्माता इस वृद्धि के केंद्र में हैं।
कंपनी के पास पहले से ही 10.2 गीगावाट से अधिक का मजबूत ऑर्डर बुक है, जो अगले डेढ़ साल की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों ने कंपनी की शीर्ष ग्राहकों पर उच्च निर्भरता के बारे में चिंता जताई है, लेकिन कंपनी का प्रबंधन भारत की घरेलू मांग को लेकर आश्वस्त है।
निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी:
निवेश करने से पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) केवल एक अनुमान है और निवेश का एकमात्र आधार नहीं होना चाहिए। आपको कंपनी के फंडामेंटल, जोखिम कारकों और भविष्य की संभावनाओं का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए। किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
विक्रम सोलर का IPO भारत के हरित ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना है। कंपनी का मजबूत इतिहास, बढ़ते वित्तीय आंकड़े और भविष्य की स्पष्ट योजनाएं इसे एक आकर्षक निवेश का विकल्प बनाती हैं। यह IPO भारत के लिए एक बड़ा कदम है, जो न केवल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि दुनिया को यह भी दिखाएगा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।